
केजरीवाल पाकिस्तान हितैषी होने से पूर्व एक भारतीय के नाते --दिल्ली मुख्यमंत्री के नाते नहीं -- कुछ माह पाकिस्तान,बलूचिस्तान या पाक अधिकृत कश्मीर में रहकर दिखाएं। मुख्यमन्त्री पद की गरिमा रखो।
दिल्ली के मुख्यमंत्री गिरगिट से भी तेज गति से अपना रंग बदलते हैं, उनके बदलते रंग को देखकर लोग बोलते हैं कि वे सुधर गए हैं लेकिन अगले ही दिन वे फिर बदल जाते हैं और लोगों की उम्मीदों को फिर से धोखा मिलता है, उड़ी आतंकी हमले के बाद केजरीवाल ऑपरेशन के बावजूद भी अपन विस्तार से उठा आये और घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत ऐसे हमलों से नहीं डरेगा, लोगों को ऐसा लगा कि केजरीवाल तो बहुत अच्छा आदमी है, बीमार होने के बावजूद भी विस्तार से उठकर घटना की निंदा कर रहा है, इसके बाद केजरीवाल ने UNGA में दिए गए सुषमा स्वराज के भाषण की भी तारीफ की लेकिन जैसे ही उनके मंत्री हवाला में फंसे उन्होने मोदी सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया और पाकिस्तान का हाथ थाम लिया।
केजरीवाल की पत्नी के वीआरएस के बाद उजागर होता घोटाला
उनके मंत्री सत्येन्द्र जैन के खाते में हवाला के जरिये 17 करोड़ रुपये आये जिसे इनकम टैक्स ने पकड़ लिए जाने से ही केजरीवाल बौखलाए हुए थे, और उन्हें नोटिस भेजकर पूछा कि उनके पास इतने रुपये कहाँ से आये, इनकम टैक्स ने उन पर हवाला का मामला दर्ज करके उनसे जवाब माँगा।
केजरीवाल की पत्नी के वीआरएस के बाद उजागर होता घोटाला
उनके मंत्री सत्येन्द्र जैन के खाते में हवाला के जरिये 17 करोड़ रुपये आये जिसे इनकम टैक्स ने पकड़ लिए जाने से ही केजरीवाल बौखलाए हुए थे, और उन्हें नोटिस भेजकर पूछा कि उनके पास इतने रुपये कहाँ से आये, इनकम टैक्स ने उन पर हवाला का मामला दर्ज करके उनसे जवाब माँगा।
आयकर विभाग द्धारा दिल्ली सरकार के मंत्री पर नकेल डालने से स्वयं केजरीवाल और इनकी पत्नी की जाँच होनी चाहिए। दोनों ही आयकर विभाग से हैं और इनकी पत्नी ने अभी कुछ ही समय पूर्व वीआरएस (VRS ) ली है। इनके वीआरएस लेने उपरान्त ही हवाला का भांडा फूटा। जिस कारण सन्देह होता है कि अब तक आआप के आयकर सम्बधित जितने भी मामले उजागर हो रहे, उन्हें क्या इनकी पत्नी का संरक्षण प्राप्त था ?
केजरीवाल क्यों अलगाववादियों को अपना समर्थन दे रहे हैं?
केजरीवाल को यही बात चुभ गयी, उन्होंने सोचा कि मोदी सरकार हमारे मंत्रियों को हवाला भी नहीं करने दे रही है, मोहल्ला क्लिनिक में भ्रष्टाचार भी नहीं करने दे रही है, हमारे विधायकों को संसदीय सचिव भी नहीं बनाने दे रही है, हमारे भ्रष्टाचार और घोटालों को लगातार एक्सपोज कर रही है, यही सब देखकर आज उन्होंने पाकिस्तान से हाथ मिला लिया
केजरीवाल को यही बात चुभ गयी, उन्होंने सोचा कि मोदी सरकार हमारे मंत्रियों को हवाला भी नहीं करने दे रही है, मोहल्ला क्लिनिक में भ्रष्टाचार भी नहीं करने दे रही है, हमारे विधायकों को संसदीय सचिव भी नहीं बनाने दे रही है, हमारे भ्रष्टाचार और घोटालों को लगातार एक्सपोज कर रही है, यही सब देखकर आज उन्होंने पाकिस्तान से हाथ मिला लिया
ट्वीट देखकर ही आप समझ सकते हैं कि इस फोटो में छपे लोग क्या कर रहे हैं, किसके समर्थन के लिए यह खबर लिखी गयी होगी और केजरीवाल किसका समर्थन कर रहे हैं, केजरीवाल ने स्वयं लिखा है कि यह आर्टिकल बहुत बढ़िया है, उड़ी अटैक के बाद पाकिस्तान के विश्व में बजाय भारत दुनिया में अलग थलग पड़ रहा है। आप खुद देख सकते हैं कि आज ही भारत के सभी पड़ोसियों ने भारत का साथ देते हुए पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मलेन का बहिष्कार किया है इससे ही पता चल जाता है कि दुनिया में कौन अलग थलग पड़ रहा है इसके बाद भी केजरीवाल पाकिस्तान के समर्थन में ट्वीट किया है।
अगर देखा जाए तो केजरीवाल भारत के लिए दिनों दिन खतरनाक होते जा रहे हैं, वे मोदी सरकार का विरोध करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, अगर पाकिस्तान को समर्थन करना पड़े तो वे उसे भी करेंगे, अगर आतंकवादियों का समर्थन करना पड़ा तो वे उसे भी करेंगे, अगर कश्मीरी अलगाववादियों का समर्थन करना पड़ा तो वे उसे भी करेंगे क्योंकि उनका मुख्य मकसद मोदी सरकार का विरोध करना है और ताकि मोदी सरकार पांच साल बाद सत्ता से बेदखल हो जाए।
अगर देखा जाए तो केजरीवाल भारत के लिए दिनों दिन खतरनाक होते जा रहे हैं, वे मोदी सरकार का विरोध करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, अगर पाकिस्तान को समर्थन करना पड़े तो वे उसे भी करेंगे, अगर आतंकवादियों का समर्थन करना पड़ा तो वे उसे भी करेंगे, अगर कश्मीरी अलगाववादियों का समर्थन करना पड़ा तो वे उसे भी करेंगे क्योंकि उनका मुख्य मकसद मोदी सरकार का विरोध करना है और ताकि मोदी सरकार पांच साल बाद सत्ता से बेदखल हो जाए।
क्या केजरीवाल जयचंद के नाम से चर्चित होना चाहते हैं?

वर्तमान मोदी सरकार से पूर्व क्या किसी प्रधानमन्त्री ने विश्व स्तर पर आतंकवाद को उछालने का साहस किया, मोदी ने जिस साहस के साथ आतंकवाद एवं बिना नाम लिए इसके मजहब को सार्वजनिक किया, वास्तव में सराहनीय है।
केजरीवाल को पाकिस्तान से इतनी हमदर्दी क्यों?
पाकिस्तान की क्या हालत है इसे जानने के लिए केजरीवाल को पाकिस्तानी न्यूज चैेनल देखना चाहिए, उन्हें पता चल जाएगा कि वहां कितनी हायतौबा मची हुई है और पाकिस्तानी सरकार की कितनी फजीहत हो रही है लेकिन वे जो काम पाकिस्तानी मीडिया नहीं कर पा रहा है वही काम केजरीवाल भारत में रहकर कर रहे हैं, पाकिस्तान को ऐसे ही लोग चाहिए जो भारत में रहकर भारत का विरोध करें और पाकिस्तान का साथ दें, केजरीवाल यह काम अच्छी तरह कर रहे हैं, इस बात की जांच होनी चाहिए कि केजरीवाल यह काम फ्री में कर रहे हैं या पाकिस्तान की तरफ से उन्हें पैसे मिल रहे हैं, अभी कल ही खुलासा हुआ है कि केजरीवाल के ख़ास मंत्री सत्येन्द्र जैन के खाते में हवाला के जरिये 17 करोड़ रुपये आये हैं, इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं यह पैसे पाकिस्तान या ISIS ने तो नहीं भेजे हैं, आखिर 17 सत्येन्द्र जैन के खाते में 17 करोड़ की बारिश कैसे हो गयी, इस बात की जांच होनी चाहिए।
केजरीवाल को पाकिस्तान से इतनी हमदर्दी क्यों?
पाकिस्तान की क्या हालत है इसे जानने के लिए केजरीवाल को पाकिस्तानी न्यूज चैेनल देखना चाहिए, उन्हें पता चल जाएगा कि वहां कितनी हायतौबा मची हुई है और पाकिस्तानी सरकार की कितनी फजीहत हो रही है लेकिन वे जो काम पाकिस्तानी मीडिया नहीं कर पा रहा है वही काम केजरीवाल भारत में रहकर कर रहे हैं, पाकिस्तान को ऐसे ही लोग चाहिए जो भारत में रहकर भारत का विरोध करें और पाकिस्तान का साथ दें, केजरीवाल यह काम अच्छी तरह कर रहे हैं, इस बात की जांच होनी चाहिए कि केजरीवाल यह काम फ्री में कर रहे हैं या पाकिस्तान की तरफ से उन्हें पैसे मिल रहे हैं, अभी कल ही खुलासा हुआ है कि केजरीवाल के ख़ास मंत्री सत्येन्द्र जैन के खाते में हवाला के जरिये 17 करोड़ रुपये आये हैं, इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं यह पैसे पाकिस्तान या ISIS ने तो नहीं भेजे हैं, आखिर 17 सत्येन्द्र जैन के खाते में 17 करोड़ की बारिश कैसे हो गयी, इस बात की जांच होनी चाहिए।
पंजाब को केजरीवाल से सतर्क रहने की जरुरत
केजरीवाल द्धारा गिरगिट की तरह रंग बदलने से यह भी सन्देह होता है कि यदि पंजाब में केजरीवाल सत्ता में आ गए, लगता है इनका पाकिस्तान जाना उसी तरह सुगम हो जाएगा, जिस तरह केन्द्र में मोदी सरकार बनने से पूर्व कश्मीरी अलगाववादियों का आना-जाना था। और यदि केजरीवाल ने भी अलगाववादियों की तरह पाकिस्तान की राह पकड़ी, वह भारत के लिए अतिदुर्गम स्थिति होगी। और भारत सरकार जिन परिस्थितियों से कश्मीर में संघर्ष कर रही है, वही स्थिति कहीं पंजाब में हो जाये।पूत के पाओं पालने में दिखने प्रारम्भ हो चुके हैं। जरुरत है ऐसे नेताओं से सतर्क रहने की। केजरीवाल का कोई भरोसा भी नहीं कि अपनी महत्वकांशा पूरी करने के लिए कब अपनी मर्यादा का उल्लंघन कर जाएं। इसलिए समस्त पार्टीयों को अपने भेदभाव भुलाकर एक मंच पर आकर केवल दिल्ली ही नहीं पंजाब एवं पाकिस्तान से लगते प्रत्येक प्रदेश से इनकी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त करवाएं।
चुनाव उत्तर प्रदेश में भी होने हैं, लेकिन वहां इनकी रूचि नहीं, पंजाब पाकिस्तान के बगल में होने के कारण वहीँ अपनी ताकत झोंक रहे हैं। सरकार की आलोचना करना बहुत अच्छी बात है,प्रधानमन्त्री मोदी का भी यही कहना है, लेकिन अपनी महत्वकांशा पूरी करने के लिए भारत पर बुरी नज़र रखने वाले देश का गुणगान करना, देश के लिए घातक होगा।
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