Skip to main content

सरकार को उपभोक्ता मंत्रालय ही बंद कर देना चाहिए

न्यूज चैनलों एवं पत्र-पत्रिकाओं में सरकार द्वारा जनहित में ग्राहकों को जाग्रत करने विज्ञापन ‘‘जागो ग्राहक जागो’’ प्रसारित होता है, लेकिन भारतीय जनमानस इतना बेहोश है, या यूं कहा जाए कि अपनी मस्ती में मस्त हैं और उसको अपने हितों की एवं कटती जेब की लेशमात्र भी चिन्ता नहीं।
मैं यदा-कदा बेंगलुरु एवं हैदराबाद प्रवास पर रहता हूँ। जब भी यहाँ के बाजार अथवा मॉल्स में जाता हूँ, स्पष्ट रूप से ग्राहकों को ख़ुशी-ख़ुशी अपनी जेब कटवाते देखता हूँ। हैदराबाद में 19 रुपए की दूध की थैली खुलेआम 20 रूपए में बिक रही है। फूल गोभी 40 से 50 रुपए प्रति नग बिक रही है, गोभी का वज़न कितना है, कोई मायने नहीं रखता। चाहे वह 300 ग्राम का है या एक किलो से ऊपर। मोर मॉल में कच्चा आम 19 रूपए प्रति नग बिक रहा है। मजबूरी का नाम महात्मा गांधी।
उपभोक्ता नियमों  का होता उपहास
विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश  है, जहां छोटे सिक्के चलन बंद है। जबकि दैनिक समाचार पत्र सेे लेकर रोजमर्रा की कई चीजों जैसे पैट्रोल एवं डीजल की कीमतों में उन छोटे सिक्कों की जरूरत होती है, लेकिन छोटे सिक्के चलन में न होने के कारण ग्राहक को केवल रूपयों में भुगतान कर अपनी जेेब कटवाकर दुकानदार को अतिरिक्त लाभ पहुंचाया जा रहा है। कई समाचार पत्र 4 रूपये 50 पैसे मूल्य के होते हैं, लेकिन 50 पैसे में चलन न होने के कारण पाठक को 5 रूपये देने पड़ते हैं। जबकि विज्ञापन में प्रसारित किया जाता है कि प्रकाशित मूल्य से अधिक भुगतान दंडनीय अपराध है। क्या इस स्थिति में कानून का खुलेआम उल्लंघन नहीं हो रहा?
हैदराबाद में गच्ची बोवलि हेरिटेज मॉल में आलू,प्याज़, खीरा,आम रुपए 17.90, 19.90, 102.90 आदि प्रति किलो बिक रहा थे ,क्या किसी भी नेता ने हेरिटेज से प्रश्न किया कि “जब एक रूपए से छोटा कोई सिक्का चलन में नहीं फिर यह खुली लूट क्यों ?” क्या इस तरह की लूट सरकार या सरकारी अधिकारिओं की मिली-भगत से हो रही है ?
फिर रेल यात्रा में आप रेल में चाय/काॅफी एवं भोजन आदि लेते हैं, तो आपको रसीद नहीं मिलेगी। जबकि नियम यह है कि यदि आप किसी होटल अथवा रैस्टोरेंट में कुछ भी सेवन करते हैं, आपको उसकी रसीद मिलती है रेल में नहीं। क्यों? इतना ही नहीं जब आप किसी भी घरेलु विमान में  100 रुपए की एक चाय पीते हैं, उसकी भी रसीद नहीं मिलती, क्यों? क्या यह उपभोक्ता नियम का उपहास नहीं ?
जब देश में टीवी प्रसारण प्रारम्भ हुआ, कैसा भी मौसम हो चैनलों का प्रसारण बंद नहीं होता था, परन्तु जब से डिश द्वारा प्रसारण आरम्भ हुआ, आंधी अथवा बारिश होने पर प्रसारण बन्द हो जाता है। जिस दिन भुगतान   में देरी हुई तुरंत प्रसारण रोक दिया जाता है। जबकि केबल टीवी के दौरान नियम था कि इससे सरकारी  चैनल यानि दूरदर्शन  निशुल्क प्रसारित किए जाएंगे, लेकिन डिस आने से नियम का उल्लंघन हो रहा है। यानि गरीब की जोरू सबकी भाभी। फिर किसी कारणवश कोई चैनल नहीं आता, शिकायत करने पर, दोष दूर करने का 145 रूपए वसूले जाते हैं।
दिल्ली परिवहन में सफर करने के लिए जाने वाले किराए की वास्तविकता को गुप्त रख जनता हो लूटा जा रहा है। केंन्द्रीय सचिवालय से आई.टी.ओ तक किराया 5 रूपये, लेकिन दिल्ली गेट से पहाड़गंज जाने कि लिए 5 रूपये, झंडेवाला से अजमेरी गेट तक 5 रूपये, लेकिन मिन्टो रोड तक आने पर 10 रूपये 1 क्या ये असमानताएं जनता से लूट नहीं? पांच रूपए किराया कितने किलोमीटर तक है ? लेकिन सरकार ने अपने मापदंड निश्चित कर जनता को भ्रमित कर रखा है।
कुछ वर्ष पूर्व मच्छर, खटमल एवं मकौडे मारने के लिए फिनिट एवं वेगाॅन स्प्रे आता था, लेकिन अब मच्छरों के लिए ब्लैक हिट और मकौड़ों के लिए रेड हिट। क्या सरकार को नहीं मालूम कि ये कंपनियां किस तरह जनता को लूट रही हैं? जिस लूट को सरकार अपने स्तर पर ही रोक सकती है, जनता यानि ग्राहकों को उतनी ही राहत मिल सकती है, परन्तु जब सरकार स्वंय लूटेरों को प्रोत्साहन दे रही है, ग्राहक क्या करेगा?डिजिटल के नाम पर कदम-कदम पर ग्राहकों का शोषण हो रहा है। चुनावी दिनों में समस्त राजनीतिक पार्टियों को बिजली के तेज भागते मीटर याद आते हैं, लेकिन मतदान सताप्त होते हुए, सब तेज भागते मीटर भूल जाते हैं। क्या से समस्त राजनीतिक दल ग्राहकों के शोषण का मजाक नहीं उड़ा रहे, और हम है तालियां बजाते है।
आज लगभग हर खाद्य पदार्थ पर शुद्धता का प्रतीक आईएसआई मार्क लगा होता है। सरकार स्वयं बताए क्या इस मार्क वाला पदार्थ शुद्ध होता है। जिस तरह आज मिश्रित पदार्थों की बिक्री हो रही है, उसको देख प्रतीत होता है कि आईएसआई मार्क शुद्धता का प्रतीक नहीं, बल्कि पाकिस्तान की आईएसआई है। आज देश में कौन सी खाद्य वस्तु शुद्ध बिक रही है। शुद्ध देसी घी से लेकर बच्चों को पिलाया जाने वाला दूध तक मिलावटी है। ग्राहक कहां तक जागेगा, पहले सरकार तो जागे।जो मलाई दिल्ली दुग्ध योजना, अमूल, पराग आदि की दिल्ली में आती है, हैदराबाद में अमूल या किसी भी दूध को ले मलाई इतनी पतली होती है, यदि भगोने पर लग गयी तो कुछ ही क्षण उपरांत पापड़ बन जाती है। क्या यह शुद्ध दूध का प्रमाण है ? 
जब रिश्वत देकर नौकरियाँ मिलेंगी, तो इस तरह की बातें से किसी को घबराना नहीं चाहिए। बल्कि सरकार को उपभोक्ता मंत्रालय ही बंद कर देना चाहिए।मंत्रालय की आज यहाँ मीटिंग, कल वहां मीटिंग परसों कहीं और मीटिंग। परिणाम ढाक के तीन पात। प्रधानमंत्री क्या फट के चार हो जाये ? मीटिंग शायद फ्री में होती हैं। इस मंत्रालय के चलते जनता को क्या लाभ? जनता को खानी है मिलावट की चीजें।  यह मंत्रालय बंद होगा तो अनुमानित महीने में कम से कम तीन/चार  करोड़ रुपयों की बचत होगी।
नेता समाज को स्मरण होगा, लगभग नौ/दस वर्ष पूर्व तेल में मिलावट का मुद्दा कितना गर्माया हुआ था, दुकानदारों को पकड़ा भी, क्या हुआ ? कुछ हुआ ? नहीं ! क्यों ? जय हो भ्रष्टाचार की। जीत गया भई जीत गया भ्रष्टाचार जीत गया।
सरकार द्वारा प्रसारित होने वाले विज्ञापन से स्पष्ट है कि वास्तव में सरकार ग्राहकों का उपहास करती है, ग्राहकों को जाग्रित करने का प्रयास नहीं। ग्राहक भली-भांति जानता है, उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसे सरकार धृतराष्ट्र बन जनता ही को बलि का बकरा बना रही है। निरीक्षण अधिकारी  वातानुकूलित  कमरों से बाहर  निकल कर जांच नहीं करते। त्योहारों पर ही नकली दूध, मिठाइयां एवं खोया पकड़ा जाता है, शेष दिन नहीं, क्यो? क्या अन्य दिन अधिकारीयों को  सरकार वेतन नहीं देती जो इन मिलावटखोरों से मिलने वाले धन पर ऐश करते हैं? अब तक कितने  मिलावट करने वालों पर क्या कठोर कार्यवाही की गई? यदि कड़ी कार्यवाही की जाती, शायद इस तरह के विज्ञापन प्रसारित करने की नौबत नहीं आती। यह सरकारी धन का दुरूप्रयोग है।

पहले सरकार तो जागे!

न्यूज चैनलों एवं पत्र-पत्रिकाओं में सरकार द्वारा जनहित में ग्राहकों को जाग्रत करने विज्ञापन ‘‘जागो ग्राहक जागो’’ प्रसारित होता है, लेकिन भारतीय जनमानस इतना बेहोश है, या यूं कहा जाए कि अपनी मस्ती में मस्त हैं और उसको अपने हितों की एवं कटती जेब की लेशमात्र भी चिन्ता नहीं।
विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां छोटे सिक्के चलन बंद है। जबकि दैनिक समाचार पत्र सेे लेकर रोजमर्रा की कई चीजों जैसे पैट्रोल एवं डीजल की कीमतों में उन छोटे सिक्कों की जरूरत होती है, लेकिन छोटे सिक्के चलन में न होने के कारण ग्राहक को केवल रूपयों में भुगतान कर अपनी जेेब कटवाकर दुकानदार को अतिरिक्त लाभ पहुंचाया जा रहा है। कई समाचार पत्र 4 रूपये 50 पैसे मूल्य के होते हैं, लेकिन 50 पैसे में चलन न होने के कारण पाठक को 5 रूपये देने पड़ते हैं। जबकि विज्ञापन में प्रसारित किया जाता है कि प्रकाशित मूल्य से अधिक भुगतान दण्नीय अपराध है। क्या इस स्थिति में कानून का खुलेआम उल्लंघन नहीं हो रहा?
फिर रेल यात्रा में आप रेल में चाय/काॅफी एवं भोजन आदि लेते हैं, तो आपको रसीद नहीं मिलेगी। जबकि नियम यह है कि यदि आप किसी होटल अथवा रैस्टोरेंट में कुछ भी सेवन करते हैं, आपको उसकी रसीद मिलती है रेल में नहीं। क्यों?
जब देश में टीवी प्रसारण प्रारम्भ हुआ, कैसा भी मौसम हो चैनलों का प्रसारण बंद नहीं होता था, परन्तु जब से डिश द्वारा प्रसारण आरम्भ हुआ, आंधी अथवा बारिश होने पर प्रसारण बन्द हो जाता है। जिस दिन भुकतान में देरी हुई तुरंत प्रसारण रोक दिया जाता है। जबकि केबल टीवी के दौरान नियम था कि इससे सम्बन्धित चैनल निशुल्क प्रसारित किए जाएंगे, लेकिन डिस आने से नियम का उल्लंघन हो रहा है। यानि गरीब की जोरू सबकी भाभी। फिर किसी कारणवश कोई चैनल नहीं आता, शिकायत करने पर, दोष दूर करने का 145 रूपए वसूले जाते हैं।
दिल्ली परिवहन में सफर करने के लिए जाने वाले किराए की वास्तविकता को गुप्त रख जनता हो लूटा जा रहा है। केंन्द्रीय सचिवालय से आई.टी.ओ तक किराया 5 रूपये, लेकिन दिल्ली गेट से पहाड़गंज जाने कि लिए 5 रूपये, झंडेवाला से अजमेरी गेट तक 5 रूपये, लेकिन मिन्टो रोड तक आने पर 10 रूपये 1 क्या ये असमानताएं जनता से लूट नहीं?
कुछ वर्ष मच्छर, खटमल एवं मकौडे मारने के लिए किनिट एवं वेगाॅन स्प्रे आता था, लेकिन अब मच्छरों के लिए ब्लैक हिट और मकौड़ों के लिए रेड हिट। क्या सरकार को नहीं मालूम कि ये कंपनियां किस तरह जनता को लूट रही हैं? जिस लूट को सरकार अपने स्तर पर रोक सकती है, जनता यानि ग्राहकों को उतनी ही राहत मिल सकती है, परन्तु जब सरकार स्वंय लूटेरों को प्रोत्साहन दे रही है, ग्राहक क्या करेगा?
डिजिटल के नाम पर कदम-कदम पर ग्राहकों का शोषण हो रहा है। चुनावी दिनों में समस्त राजनीतिक पार्टियों को बिजली के तेज भागते मीटर याद आते हैं, लेकिन मतदान सताप्त होते हुए, सब तेज भागते मीटर भूल जाते हैं। क्या से समस्त राजनीतिक दल ग्राहकों के शोषण का मजाक नहीं उड़ा रहे, और हम है तालियां बजाते है।
आज लगभग हर खाद्य पदार्थ पर शुद्धता का प्रतीक आईएसआई मार्क लगा होता है। सरकार स्वयं बताए क्या इस मार्क वाला पदार्थ शुद्ध होता है। जिस तरह आज मिश्रित पदार्थों की बिक्री हो रही है, उसको देख प्रतीत होता है कि आईएसआई मार्क शुद्धता का प्रतीक नहीं, बल्कि पाकिस्तान की आईएसआई है। आज देश में कौन सी खाद्य वस्तु शुद्ध बिक रही है। शुद्ध देसी घी से लेकर बच्चों को पिलाया जाने वाला दूध तक मिलावटी है। ग्राहक कहां तक जागेगा, पहले सरकार तो जागे।
सरकार द्वारा प्रसारित होने वाले विज्ञापन से स्पष्ट है कि वास्तव में सरकार ग्राहकों का उपहास करती है, ग्राहकों को जाग्रित करने का प्रयास नहीं। ग्राहक भली-भांति जानता है, उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसे सरकार धृतराष्ट्र बन देख, जनता ही को बलि का बकरा बना रही है। निरीक्षण वातानुलित कमरों से बहार निकल कर जांच नहीं करते। त्योहारों पर ही नकली दूध, मिठाइयां एवं खोया पकड़ा जाता है, शेष दिन नहीं, क्यो? अब तक मिलावट करने वालों पर क्या कठोर कार्यवाही की गई। यदि कड़ी कार्यवाही की जाती, शायद इस तरह के विज्ञापन प्रसारित करने की नौबत नहीं आती। यह सरकारी धन का दुरूप्रयोग है।


Comments

AUTHOR

My photo
shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

Popular posts from this blog

भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा

रानी चटर्जी की बोल्ड तस्वीरों ने हिलाया इंटरनेट

भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने अलग अदांज से धाक जमाने वाली रानी चटर्जी अब तक 300 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं. एक्ट्रेस की गिनती इंडस्ट्री की नामी एक्ट्रेस में होती है. उनकी हर अदा पर फैंस की नजर बनी रहती हैं. इस बीच वो अपनी लेटेस्ट फोटो के चलते चर्चा का विषय बन गई हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उनकी किसी हॉट फोटो ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई हो. बल्कि ऐसा हर बार देखने को मिलता है. वहीं इस बार भी एक्ट्रेस की नई तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है. साथ वो इस नई तस्वीर में बेहद हॉट और बोल्ड नजर आ रही हैं. फोटो में रानी काफी प्यारी दिख रही है. तस्वीरों में रानी का स्टाइलिश अंदाज भी उनके फॉलोअर्स का ध्यान उनकी ओर खींच रहा है. रानी चटर्जी सोशल मी़डिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी हॉट सेक्सी फोटो वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. वहीं उनके फैंस भी उनकी नई अपडेट पर नजर बनाए बैठे रहते हैं. अक्सर रानी के बोल्ड फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते नजर आते हैं. हाल ही में रानी के नए लुक ने इंटरनेट को हिला दिया है. इस फोटो में रानी लाल रंग की ड्रेस में नजर आ रही हैं. इस ड्रेस में रानी अपने सेक्सी