रोहिंग्या मुसलमान आजकल खबरों में बहुत चल रहे है और वह काफी दूर भी नही है म्यांमार हमारा पडोसी देश है।कहावत है एक मछली पुरे तालाब को गन्दा कर देती है, इसका जीता जागता उदाहरण है रोहिंग्या मुसलमान, जो ना घर के है ना घाट के।
इन्हें ना तो इनका देश अपनाना चाहता है और ना ही कोई और देश। वैसे कोई और देश क्यों किसी और देश के नागरिको को अपनाएगा। जो सिद्ध करता है, उनमे कुछ कमिया ही होंगी जबही इनके देश की फौज इनके खिलाफ है और इन्हें मार रही है।
यह है पूरा मामला
म्यांमार एक बौद्ध भिक्षुओ के देश है यहाँ ज्यादातर बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। हाल ही में ए.र.से.आ [अरकेन रोहिंग्या मुक्ति सेना] यह एक गुट है जो इन रोहिंग्यास मुस्लिमो में रहता है और म्यांमार का मानना है की यही लोग उस घुट को पाल-पोस रहे हैं। और यह गुट इनके मानव अधिकार के लिए वहाँ की सरकार से लड़ रहा है। एक दिन इस गुट ने वहाँ की फ़ौज पर हमला कर दिया। म्यांमार की फौज को गुस्सा आ गया तो उन्होंने इन्हें मारना शुरू किया क्योकि वह लोग उन्हें शरण देते है। और वह हमला कर के इन्ही में घुस जाते हैं।
अवलोकन करें:--
बिलकुल हमारे जम्मू कश्मीर की तरह जो लोग आतंकवादियों को शरण देते है, और उनकी सेना पर हमला पर सभी देश भारत की तरह दयाशील नही होते। जो उन कश्मीरियो की फिर भी हिफाज़त करते हैं। माना जा रहा है कि 4,00,000 के करीब रोहिंग्यास अपनी जान बचा कर बांग्लादेश में घुस गए हैं। बांग्लादेश ने पहले तो इन पर दया दिखाई और पुरे विश्व ने इन पर सहानभूति दिखाई और इनकी काफी प्रशंसा की। पर प्रशंसा से किसी का पेट नही पलता आखिरकार बांग्लादेश ने भी इनसे हाथ जोड़ लिए। और भारत पर इनका बोझ डालने की सोच रहा है।
बिलकुल हमारे जम्मू कश्मीर की तरह जो लोग आतंकवादियों को शरण देते है, और उनकी सेना पर हमला पर सभी देश भारत की तरह दयाशील नही होते। जो उन कश्मीरियो की फिर भी हिफाज़त करते हैं। माना जा रहा है कि 4,00,000 के करीब रोहिंग्यास अपनी जान बचा कर बांग्लादेश में घुस गए हैं। बांग्लादेश ने पहले तो इन पर दया दिखाई और पुरे विश्व ने इन पर सहानभूति दिखाई और इनकी काफी प्रशंसा की। पर प्रशंसा से किसी का पेट नही पलता आखिरकार बांग्लादेश ने भी इनसे हाथ जोड़ लिए। और भारत पर इनका बोझ डालने की सोच रहा है।
आतंकी मसूद अजहर ने भी किया है रोहिंग्या मुस्लिमों का समर्थन |
बांग्लादेश पहले ही गरीब देशो में से एक है। वह अपने नागरिको को तो भर पेट खाना नही दे पा रहा है तो इन रोहिंग्यास को कैसे रख सकता है। शायद यह भी कुछ सालो में वहाँ गरीबी से ही मर जाएंगे। यू.एन. [यूनाइटेड नेशनस] ने भारत से भी अनुरोध किया है कि वह इन मुसलमानों को अपने देश में रहने दे। भारत में अभी लगभग 40,000 रोहिंग्यास है जो जम्मू कश्मीर में रह रहे है. और भारत ने यू.एन. को साफ़-साफ़ मना कर दिया है। पहले ही भारत की आबादी 125 करोड़ के आस पास है, और ऊपर से इन लोगो के आने से हमारी समस्या और बढ़ जाएगी।
भारत में पहले भी ऐसी घटनाए हो चुकी है जैसे भारत का बटवारा, भारत और बांग्लादेश में बटवारा। जब लाखो की संख्या में लोग भारत आए थे और उन्हें घर और नौकरिया देने में भारत की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गयी थी।भारत को काफी क़र्ज़ लेना पड़ गया था। जिसका नतीजा वह आज तक झेल रहा है, तो फिर से इतने लोगो को अपनाना भारत के लिए काफी कठिनाई भरा हो सकता है।
वैसे हमारे देश में काफी मुसलमान नेता इन रोहिंग्यास को अपनाने के लिए भारत सरकार से अनुरोध कर चुके हैं। मुसलमान नेता ओवैसी ने सरकार से इन्हें आधार कार्ड तक देने का अनुरोध किया है। शायद वह इन लोगो पर गन्दी राजनीती खेलना चाहते हों, ताकि वह राजनेता इनसे आगे चलकर वोट मांग सके।
खुफिया एजेंसी ने बताया इन्हें अपने देश के लिए खतरा
कुछ दिन पहले भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसीज ने बताया था कि यह रोहिंग्यास भारत के लिए खतरा हो सकते हैं। इन्ही रोहिंग्यास में कुछ लोग उस घुट के भी है जिन्होंने म्यांमार में आतंक फैलाया था,और जिनके चलते वहाँ की फौज ने इन्हें मारा था। और इनके घर जला दिए थे। और वह घुट भारत में शांति बनाए रखने के बारे में तो नही सोंचेगा। खुफिया एजेंसी की जानकारियो के मुताबिक़ यह असामाजिक तत्व जल्द ही भारत में कही भी धमाका कर सकता है।
आप खुद ही सोच के देखिये आपके देश में 40,000 अनजान लोग ठहरे हुए हैं। जिन पर उनके देश की फौज ने आरोप लगाया है कि इन लोगो ने उनके देश की फौज पर हमला किया है। इन लोगों के पास कोई भी आई.डी नही है मतलब आप इन्हें कैसे भी पहचान नही सकते। यह भारत में किसी भी जगह आतंकी हमला कर सकते है। और इतने सारे लोगो पर आप नजर भी नही रख सकते। तो आप इन्हें कैसे अपने देश में रहने की आज्ञा दे सकते हो। इसीलिए मोदी सरकार ने इन्ही 40,000 रोहिंग्यास को वापिस इनके मुल्क भेजने की योजना बनाई है।
ऐसा नही है की भारत इन लोगो की मदद नही करना चाहता। आपको बता दे की अभी हाल ही में भारत ने ‘ऑपरेशन इंसानियत’ शुरू किआ है। जिसे भारतीय वायु सेना हजारो किलो राशन बांग्लादेश को भेज रही है ताकि यह लोग भूख से ना मरे। और बांग्लादेश सरकार पर भी इनका बोझ थोडा कम हो सके पर इन्हें अपने देश में पनाह देना शायद हर भारतीय की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा।
म्यांमार की फौज ने भेजी रिपोर्ट
अभी हाल ही में म्यांमार की सेना के चीफ ने भारत को बताया है कि उन लोगो को इन रोहिंग्यास के घरो के पास खुदाई करने पर 28 हिन्दुओ की लाश मिली हैं। और यह भी बताया है कि अभी और खुदाई पर यह आंकड़े बढ़ सकते है।. उन्होंने इन लोगो पर उन्हें बेहरमी से मारने का इल्ज़ाम लगाया है। और इन्हें जल्द से जल्द अपने देश से बाहर निकलने की सलाह भी दी है।
तो आप खुद सोचिये की कुछ मुस्लिम नेता इन्हें अपनाने की कोशिश कर रहे है। जबकि यह वहाँ रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दूओं को मार चुके हैं। और आश्चर्य की बात तो यह है कि जो लोग इन्हें अपनाने का सुझाव दे रहे है, वही मुस्लिम नेता भारतीय मीडिया में यह बयान देते है कि ‘यहा मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुस्तान में अपने आप को सुरक्षित महसूस नही करते’ और यही लोग उसी हिन्दुस्तान से अपील कर रहे है की रोहिंग्या मुसलमान को भारत आने दो।’ जो उनके द्वारा जनता को भ्रमित करने का स्पष्ट प्रमाण है।
राखिन में 28 हिन्दुओं के सामूहिक कब्र मिले, रोहिंग्या आतंकवादियों ने की हत्या। म्यांमार आर्मी ने कहा है कि उन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान जिन 28 हिन्दुओं के शव मिले हैं उनमें 20 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं। मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल हैं इनकी उम्र 10 साल से कम है। जनसत्ता ऑनलाइनSeptember 24, 2017 21:55 pmबांग्लादेश के कॉक्स बाजार में राहत सामग्री के लिए छीनाझपटी करते रोहिंग्या मुस्लिम (फोटो-रायटर, 23 सितंबर)म्यांमार की आर्मी ने रविवार (24 सितंबर) को कहा है कि हिंसा प्रभावित राखिन प्रांत में उन्हें 28 हिन्दुओं के कब्र मिले हैं। म्यांमार आर्मी के मुताबिक रोहिंग्या आतंकवादियों ने इन हिन्दुओं की हत्या की है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार आर्मी की इस घोषणा की पुष्टि नहीं की जा सकी है। ज़बरदस्त हिंसा से प्रभावित राखिन प्रांत में 25 अगस्त से कानून व्यवस्था की स्थिति काफी बिगड़ी हुई है। म्यांमार के आर्मी चीफ की वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया है, ‘सुरक्षा बलों ने 28 हिन्दुओं की डेड बॉडी को पाया है और उन्हें खोदकर निकाला है, इनकी अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के बंगाली आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।’ बता दें कि 25 अगस्त को अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) द्वारा म्यांमार के पुलिसकर्मियों पर हमले के बाद इस इलाके में हिंसा भड़क उठी है। ARSA द्वारा हमले के बाद सेना ने इनके खिलाफ काफी हिंसक अभियान शुरू किया है।
राखिन में 28 हिन्दुओं के सामूहिक कब्र मिले, रोहिंग्या आतंकवादियों ने की हत्या। म्यांमार आर्मी ने कहा है कि उन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान जिन 28 हिन्दुओं के शव मिले हैं उनमें 20 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं। मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल हैं इनकी उम्र 10 साल से कम है। जनसत्ता ऑनलाइनSeptember 24, 2017 21:55 pmबांग्लादेश के कॉक्स बाजार में राहत सामग्री के लिए छीनाझपटी करते रोहिंग्या मुस्लिम (फोटो-रायटर, 23 सितंबर)म्यांमार की आर्मी ने रविवार (24 सितंबर) को कहा है कि हिंसा प्रभावित राखिन प्रांत में उन्हें 28 हिन्दुओं के कब्र मिले हैं। म्यांमार आर्मी के मुताबिक रोहिंग्या आतंकवादियों ने इन हिन्दुओं की हत्या की है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार आर्मी की इस घोषणा की पुष्टि नहीं की जा सकी है। ज़बरदस्त हिंसा से प्रभावित राखिन प्रांत में 25 अगस्त से कानून व्यवस्था की स्थिति काफी बिगड़ी हुई है। म्यांमार के आर्मी चीफ की वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया है, ‘सुरक्षा बलों ने 28 हिन्दुओं की डेड बॉडी को पाया है और उन्हें खोदकर निकाला है, इनकी अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के बंगाली आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।’ बता दें कि 25 अगस्त को अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) द्वारा म्यांमार के पुलिसकर्मियों पर हमले के बाद इस इलाके में हिंसा भड़क उठी है। ARSA द्वारा हमले के बाद सेना ने इनके खिलाफ काफी हिंसक अभियान शुरू किया है।
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