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हिन्दू विरोधी सोनिया गाँधी

सोनिया और कोलिशन इयर्स के लिए चित्र परिणाम
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  
औरंगजेब, अन्य मुगलों तथा मुस्लिम हमलावरों ने भारत में हिन्दुओं का नरसंहार किया, हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार किया, मंदिर तोड़े, धर्म का नाश किया ये सब इतिहास में है। आज के दौर में भी हिंदुओं के देश में ही इनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। कम से कम कांग्रेस की सरकारों ने तो यही कुछ किया है इस देश में। 
राहुल गाँधी गुजरात चुनावों में व्यस्त है, उनका कहना है कि कांग्रेस एक सोच है, कांग्रेस एक विचारधारा है, कांग्रेस ये है, कांग्रेस वो है। इसके बाद हमने थोड़ा शोध किया और कांग्रेस कौन है और कांग्रेस क्या है, हम कुछ बिंदु आपके समक्ष रखना चाहते है, ध्यानपूर्वक पढ़िए
* कांग्रेस वही है जिसने महाराणा प्रताप की जगह अकबर को महान किताबों में पढाया।
* कांग्रेस वही है जिसने शिवाजी महाराज की जगह औरंगजेब को महान बनाया, संभाजी नगर का नाम औरंगाबाद कर दिया, दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर मुख्य सड़क बना दी। 
* कांग्रेस वही है जिसने भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी देने की सिफारिश की और तो और इनका नाम शहीदों की लिस्ट में नहीं आने दिया और इनको किताबों में उग्रवादी पढ़ाया।

* कांग्रेस वही है जिसने भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद को उग्रवादी बताया, आतंकी बताया और नेहरू को क्रन्तिकारी बताया 
* कांग्रेस वही है जिसके नेहरू ने मुखबरी करके चंद्रशेखर आज़ाद को मरने पर मजबूर किया। 
* कांग्रेस वही है जिसने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फौज का विरोध किया, आज़ाद हिन्द फ़ौज का धन कांग्रेस ने लूट लिया 
* कांग्रेस वही है जिसके कालखंड में 1990 में कश्मीर घाटी में भयंकर कत्लेआम हुआ। 5 लाख हिन्दुओं को घाटी छोड़नी पड़ी।
* कांग्रेस वही है जिसने 2G घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला, CWG घोटाला, तेलगी घोटाला, कोयला घोटाला, दूरसंचार घोटाला, हर्षद मेहता घोटाला जैसे कई घोटाले हुए।  
* कांग्रेस वही है जिसके राज में चीन 2013 में 19 km अंदर हमारी सीमा में आया। अब मोदी राज में हम 19 km डोकलाम में गये। 
* कांग्रेस वही है जिसके कालखण्ड में सैनिकों का अपमान होता था, कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको को उम्रकैद की सजा दी गयी
* कांग्रेस वही है जिसके एक परिवार के नेताओं के नाम से 650 योजनाएँ, क्यों भाई और कोई महापुरुष देश में नहीं हुए क्या?
* कौनसा कांग्रेसी फांसी पर चढ़ा ? एक तो नाम बताओ। 
* कांग्रेस की वजह से देश का विभाजन हुआ। 
* कांग्रेस जिसके नेता JNU में देशविरोधी नारे लगाने वालों का सपोर्ट करते हैं। 
* कांग्रेस वही है जिसने मदरसों में तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने का विरोध किया। 
* कांग्रेस वही है जिसके नेता खुल्लेआम केरल में गाय को काटकर खाते हैं। 
* कांग्रेस वही है जिसने तुष्टिकरण हेतु हिन्दुओं को बदनाम करने हेतु भगवा आतंकवाद कहा, इसी कांग्रेस ने आतंकियों को "साहब" कहा, हाफिज साहब और ओसामा जी बताया, वहीँ हिन्दुओ को आतंकी बताया 
* कांग्रेस वही है जिसने पत्थरबाजों को भाई बताया और सेना प्रमुख को गली का गुंडा बताया
कांग्रेस के तारीफ में तो ये कम ही शब्द है, कांग्रेस क्या है कौन है, इस पर तो हम पूरी एक किताब लिख सके या नहीं, लेकिन यह शुभ कार्य हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने पुस्तक की रचना कर दिया है। जिसे हर हिन्दू, चाहे किसी भी विचारधारा से हो। 
गोधरा काण्ड 
सोनिया गाँधी ने कराया था गुजरात का गोधरा कांड ? सबूत कांग्रेसी मुस्लिम कार्यकर्ताओं के नाम,,इन अपराधियों को फाँसी की सजा से बचाने के लिए अहमद पटेल ने जान लगा दी#पोटा_एक्ट कानून को बन्द करने में क्योकि इन अपराधियों की फाँसी #पोटा के तहत तय थी।
जिन लोगों के नाम सामने आये और गिरफ्तारियां की गयीं उनमे से कुछ लोगों के तार कांग्रेस से जुड़े होने की खबरें भी सामने आयीं. इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ गोधरा ट्रेन आगजनी के मामले में गिरफ्तार किये गए आरोपियों में से पांच के नाम मुहम्मद हुसैन अब्दुल रहीम कलोटा, सलीम अब्दुल गफ्फार शेख, अब्दुल रहमान अब्दुल माजिद दांतिया, फारूख भाना और हाजी बिलाल थे. खबर आयी है कि इसमें शामिल मुहम्मद हुसैन अब्दुल रहीम कलोटा दरअसल गोधरा नगरपालिका का अध्यक्ष और जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का संयोजक था. वहीँ सलीम अब्दुल गफ्फार शेख को पंचमहल युवा कांग्रेस अध्यक्ष बताया जा रहा है. फारूख भाना के जिला कांग्रेस कमेटी का सचिव और अब्दुल रहमान अब्दुल माजिद दांतिया आदि हैं। 

ये बात तो सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमन्त्री बनने से रोकने के लिए कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से पूरी-पूरी कोशिश की गयी थी. प्रधानमन्त्री बनने के बाद पीएम मोदी ने ऐसे-ऐसे कड़े फैसले लिए हैं कि उनके काफी दुश्मन भी बन गए हैं. वहीँ देश पर 60 सालों तक राज करने वाली कांग्रेस की ओर से भी पीएम मोदी पर कई तरह के आरोप लगाए जाते रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले खुद सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को मौत का सौदागर तक कह दिया था. जिसके बाद तथाकथित मीडिया द्वारा भी इस मुद्दे को खूब उछाला गया था. अब उसी से जुडी एक खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल ख़बरों के मुताबिक़ 27 फरवरी 2002 को कुछ अज्ञात लोगों ने गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन की कुछ बोगियों में आग लगा दी थी. आग लगने के कारण अयोध्या से वापस लौट रहे 59 कारसेवकों की जलने के कारण मौत हो गयी थी. जिसके बाद गुजरात में भीषण साम्प्रदायिक हिंसा फ़ैल गयी थी. हालांकि पुलिस की जांच में जिन लोगों के नाम सामने आये और गिरफ्तारियां की गयीं उनमे से कुछ लोगों के तार कांग्रेस से जुड़े होने की खबरें भी सामने आयीं. इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ गोधरा ट्रेन आगजनी के मामले में गिरफ्तार किये गए आरोपियों में से पांच के नाम मुहम्मद हुसैन अब्दुल रहीम कलोटा, सलीम अब्दुल गफ्फार शेख, अब्दुल रहमान अब्दुल माजिद दांतिया, फारूख भाना और हाजी बिलाल थे. खबर आयी है कि इसमें शामिल मुहम्मद हुसैन अब्दुल रहीम कलोटा दरअसल गोधरा नगरपालिका का अध्यक्ष और जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का संयोजक था. वहीँ सलीम अब्दुल गफ्फार शेख को पंचमहल युवा कांग्रेस अध्यक्ष बताया जा रहा है.
यूपीए की सरकार के दौरान ऐसे कई काम किए गए जो सहिष्णु हिंदुओं को आतंकवादी और बलात्कारी बताने की कोशिश की गई। ईसाई मिशनरियों और मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुओं को बार-बार कठघरे में खड़ा किया जाता रहा। सबसे खास यह कि इन कुत्सित कोशिशों की नायिका रहीं हैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी। इस बात का खुलासा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब The Coalition Years में भी हुआ है कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते कांग्रेस की नीतियां हिंदू विरोधी रही हैं। 
हिंदू विरोधी सोनिया गांधी के लिए चित्र परिणामप्रणब दा ने खुलासा किया है कि किस तरह सोनिया गांधी के नेतृत्व में हिंदुओं को टारगेट कर फंसाया गया है। हालांकि प्रणब दा ने सोनिया गांधी पर सीधा निशाना नहीं साधा है, लेकिन कांग्रेस की नीतियों का तो कच्चा चिट्ठा जरूर खोल दिया है। नवंबर 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने के कुछ महीनों के भीतर ही दिवाली के मौके पर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को हत्या के एक केस में गिरफ्तार करवाया गया था। जिस वक्त गिरफ्तारी की गई थी, तब वो 2500 साल से चली आ रही त्रिकाल पूजा की तैयारी कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद उन पर अश्लील सीडी देखने और छेड़खानी जैसे घिनौने आरोप भी लगाए गए थे। दरअसल प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब ‘द कोएलिशन इयर्स 1996-2012’ में इस घटना का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि “मैं इस गिरफ्तारी से बहुत नाराज था और कैबिनेट की बैठक में मैंने इस मसले को उठाया भी था। मैंने सवाल पूछा कि क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना सिर्फ हिंदू संत-महात्माओं तक ही सीमित है? क्या किसी राज्य की पुलिस किसी मुस्लिम मौलवी को ईद के मौके पर गिरफ्तार करने की हिम्मत दिखा सकती है?”
जयेंद्र सरस्वती और प्रणब मुखर्जी के लिए चित्र परिणाम
कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को कांग्रेस ने फंसाया
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब ने देश के आगे एक बड़े सवाल को फिर से खड़ा कर दिया है। सवाल ये कि कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी और उन पर लगाए गए बेहूदे आरोपों के पीछे कौन था? अब तक मोटे तौर पर यह माना जाता रहा है कि कांची पीठ के शंकराचार्य को झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार करवाने की पूरी साजिश उस वक्त मुख्यमंत्री रहीं जयललिता ने अपनी सहेली शशिकला के इशारे पर रची थी। उस वक्त इस सारी घटना के पीछे किसी जमीन सौदे को लेकर हुआ विवाद बताया गया था, लेकिन अब प्रणब दा के खुलासे से साफ हो गया है गिरफ्तारी सिर्फ जयललिता की मर्जी से नहीं, बल्कि सोनिया गांधी के इशारे पर हुई थी। दरअसल ये वो दौर था जब सोनिया और जयललिता के बीच काफी करीबियां थीं।
ईसाई मिशनरियों की साजिश का शिकार बने थे शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती
दरअसल जब से सोनिया गांधी सत्ता के शीर्ष को हैंडल कर रही हैं तब से ही वह हिंदुओं की धार्मिक-सांस्कृतिक आस्थाओं को कुचलने में लगी हैं। हिंदुओं के सामाजिक ताने-बाने को भी तार-तार करने में लगी हैं। शंकराचार्य की गिरफ्तारी सिर्फ भारत के हिंदू समाज के सर्वश्रेष्ठ महात्मा को अपमानित करने के लिए की गई थी। यह स्पष्ट है कि हिंदू धर्म के इतने बड़े संत को गिरफ्तार करके मीडिया में उपहास उड़वाने का काम ईसाई साजिश का ही हिस्सा था।

शंकराचार्य द्वारा सामाजिक बराबरी के प्रयास से खफा थे ईसाई संगठन
यह बात भी सामने आती रही है कि दक्षिण भारत में ईसाई धर्म को बेरोक-टोक फैलाने के लिए कांची के शंकराचार्य को जानबूझकर फंसाया गया था। जिस समय मीनाक्षीपुरम में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाओं से पूरा हिंदू समाज सकते में था, तब कांची मठ ने सचल मंदिर बनाकर उन्हें दलित बस्तियों में भेजा और कहा कि अगर वो मंदिर तक नहीं आ सकते तो मंदिर उन तक पहुंचेगा। सामाजिक बराबरी के लिए जितनी कोशिश कांची मठ ने की उतनी शायद और किसी हिंदू संस्थान ने नहीं की होगी। यही कारण था कि वो ईसाई मिशनरियों को खटक रहे थे। उनकी गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश से की गई थी, जहां पर कांग्रेस की सरकार थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तमिलनाडु की वेल्लोर जेल में रखा गया। जहां उनके साथ टॉर्चर भी किया गया।

शंकराचार्य की गिरफ्तारी के बहुत सारे तथ्य छिपा ले गए हैं प्रणब मुखर्जी
माना जा रहा है कि ये प्रणब मुखर्जी के दबाव का ही नतीजा था कि बाद में मनमोहन सिंह ने इस मामले में जयललिता को चिट्ठी लिखकर चिंता जताई थी, लेकिन तब की सुप्रीम नेता सोनिया गांधी इस मसले पर चुप्पी साधे रहीं। अपनी किताब में प्रणब मुखर्जी इस मसले को छूकर निकल गए हैं, लेकिन इसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। एक न एक दिन यह सच्चाई सामने आएगी कि हिंदुओं के सबसे बड़े धर्म गुरु को गिरफ्तार करके उन्हें अपमानित करने की साजिश के पीछे असली गुनहगार कौन था। दरअसल सोनिया गांधी का एकमात्र एजेंडा भारत में ईसाई धर्म को फैलाना रहा है।

10 वर्षों तक हिंदू धर्मगुरु जयेंद्र सरस्वती को कांग्रेस ने रखा सलाखों के पीछे
कांचीपुरम के वरदराजपेरुमल मंदिर के प्रबंधक शंकररामण की हत्‍या 3 सितंबर 2004 को कर दी गई थी। इस हत्‍याकांड में कुल 24 लोगों पर आरोप लगाये गये थे और जयेंद्र सरस्‍वती को प्रमुख आरोपी बनाया गया। बाद में उसके कनिष्ठ विजयेन्द्र को भी गिरफ्तार किया गया। नवंबर 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने के कुछ महीनों के अंदर ही दिवाली के मौके पर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को हत्या के एक केस में गिरफ्तार करवाया गया। सुनवाई के दौरान, 2009 से ले कर 2012 तक 189 गवाहों से पूछताछ की गई थी। उनमें से 83 मुकर गए। 27 नवंबर, 2013 को पुडुचेरी की अदालत ने शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और उनके कनिष्ठ विजयेंद्र सरस्वती को बरी कर दिया।

भगवा आतंकवाद-हिंदू आतंकवाद सोनिया गांधी-अहमद पटेल के दिमाग की उपज
हिंदू के साथ आतंकवाद शब्द कभी इस्तेमाल नहीं होता था। मालेगांव और समझौता ट्रेन धमाकों के बाद कांग्रेस सरकारों ने बहुत गहरी साजिश के तहत हिंदू संगठनों को इस धमाके में लपेटा और यह जताया कि देश में हिंदू आतंकवाद का खतरा मंडरा रहा है। जबकि ऐसा कुछ था ही नहीं। जिन बेगुनाहों हिंदुओं को गिरफ्तार किया गया वो इतने सालों तक जेल में रहने के बाद बेकसूर साबित हो रहे हैं। दरअसल मुंबई हमले के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसके पीछे हिंदू संगठनों की साजिश का दावा किया था, लेकिन इसके पीछे दिमाग सोनिया गांधी और अहमद पटेल का माना जा रहा है। दिग्विजय के इस बयान का पाकिस्तान ने खूब इस्तेमाल किया और आज भी जब इस हमले का जिक्र होता है तो पाकिस्तानी सरकार दिग्विजय के हवाले से यही साबित करती है कि हमले के पीछे आरएएस का हाथ है। दिग्विजय के इस बयान पर उनके खिलाफ कांग्रेस ने कभी कोई कार्रवाई या खंडन तक नहीं किया।

मालेगांव ब्लास्ट में योगी और मोहन भागवत को फंसाना चाहती थी कांग्रेस
यूपीए सरकार के दौरान मालेगांव ब्लास्ट मामले में उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने की साजिश रची गई थी। यह दावा सोमवार यानी 23 अक्टूबर को बनारस में ब्लास्ट के आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जांच अधिकारियों से मिलकर ये साजिश की थी। 9 साल बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए सुधाकर चतुर्वेदी ने खुलासा किया कि कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार की सोची समझी साजिश के तहत जांच अधिकारी हेमंत करकरे के साथ मिलकर मालेगांव ब्लास्ट को भगवा आतंकवाद साबित करने में लगे थे।

भगवा आतंकवाद के लिए चित्र परिणाम
कांग्रेस ने कर्नल पुरोहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे कई हिंदुओं पर ढाये जुल्म
सुधाकर चतुर्वेदी अभिनव भारत संस्था से जुड़े हैं। मालेगांव ब्लास्ट के बाद 23 अक्टूबर 2008 को सुधाकर को नासिक से गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया गया था। सुधाकर चतुर्वेदी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को जांच अधिकारियों ने लैपटॉप पर पॉर्न मूवी और अश्लील फोटो दिखाकर टॉर्चर किया। अपने बारे में बताया कि तीन दिनों तक खाना नहीं दिया गया। बाथरूम में करंट लगाकर रखा और पूरा नंगा कर पैरों के तालू पर लाठी से मारते थे। मालेगांव ब्लास्ट मामले में कर्नल पुरोहित के साथ भी ऐसा ही हुआ था। उनके साथ भी जुल्म ढाए गए और जबरिया कई सादे कागजों पर दस्तखत करवाए गए।

कांग्रेस की हिंदू आतंकवाद की थ्योरी ने ले लिये असीमानंद के 10 साल
हाल में ही खुलासा हुआ है कि 18 फरवरी 2007 को समझौता एक्सप्रैस में ब्लास्ट में पाकिस्तानी मुसलमानों को किस तरह बचाया गया और हिंदू को फंसाया गया। दरअसल समझौता ब्लास्ट केस के बहाने ‘हिन्दू आतंकवाद’ नाम का शब्द गढ़ा गया। हालांकि इस केस में पाकिस्तानी आतंकवादी पकड़ा गया था, उसने अपना गुनाह भी कबूल किया था, लेकिन महज 14 दिनों में उसे चुपचाप छोड़ दिया। इसके बाद इस केस में स्वामी असीमानंद को फंसाया गया ताकि भगवा आतंकवाद या हिन्दू आतंकवाद को अमली जामा पहनाया जा सके। बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तानी आतंकवादी को छोड़ने का आदेश देने वाला कौन था? किसने पाकिस्तानी आतंकवादी को छोड़ने के लिए कहा? वो कौन है जिसके दिमाग में भगवा आतंकवाद का खतरनाक आइडिया आया?

ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार में प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हैं सोनिया गांधी
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने खुलकर कहा है कि भारत में हिंदू आबादी घट रही है क्योंकि हिंदू कभी धर्म परिवर्तन नहीं कराते। दरअसल देश में धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा है। इसमें कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की शह है। अरुणाचल प्रदेश में तो उनका इंट्रेस्ट जगजाहिर है। दरअसल सोनिया गांधी पर बीते 10 साल में ईसाई मिशनरियों के जरिये खुद वहां पर रहने वाली आदिवासी जातियों का धर्मांतरण करवाने के आरोप हैं। अवलोकन करिये:--



केंद्र की मोदी सरकार और हिन्दुओं से कांग्रेस का इतना बैर हो गया है कि आज अपना गुस्सा निकालने के लिए केरल में कांग्रेसियों ने ए...
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार मोदी सरकार ने 2004 से 2014 के बीच सरकार के फैसलों से जुड़ी पीएमओ की 710 फाइलें सार्वजनिक करने का एलान कि...
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार क्या आप जानते हैं कि ईसाईयत भारत मे तेजी से फैले इसके लिए हमारी सरकारें जी जान से लगी हुई हैं? हिन्दू साधु...
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Is our country again marching to be ruled by Mughals. Actually situation is likely the same before Mughals’ ruled over Bharat. Hold your p...
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. आर.बी. एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार अटल बिहारी वाजपॆयी जी को राजनीति में ’अजात शत्रु’ कहतें हैं। अपनी समभाव के लिये जाने वाले अटल जी अपन...
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आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार जितनी घिनौनी राजनीति भारत में खेली जाती है विश्व के किसी अन्य देश में नहीं। अपनी कुर्सी की खातिर अप...
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Veteran Congress leader, former union minister Margaret Alva recently released her book ‘Courage and Commitment.’ Rupa Publications has pu...
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एक शेर है… “सच्चाई छुप नहीं सकती, बनावट के वसूलों से. कि खुशबू आ नहीं सकती, कभी कागज के फूलों से.” पिताश्री एम.बी.एल.निगम मेरे...
NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.COMअरुणाचल प्रदेश में 1951 में एक भी ईसाई नहीं था। 2001 में इनकी आबादी 18 फीसदी हो गई। 2011 की जनगणना के मुताबिक अब अरुणाचल में 30 फीसदी से ज्यादा ईसाई हैं। अरुणाचल में धर्मांतरण का सिलसिला 1984 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही शुरू हो गया था। तब पहली बार सरकार ने वहां पर ईसाई मिशनरियों को अपने सेंटर खोलने की इजाज़त दी थी। माना जाता है कि राजीव गांधी पर दबाव डालकर खुद सोनिया ने वहां पर ईसाई मिशनरियों को घुसाया था।
हिंदुओं की धार्मिक-सांस्कृतिक आस्थाओं को कुचलने में लगी है कांग्रेस
16 मई, 2016 को तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी। बहस सामान्य थी कि ट्रिपल तलाक और हलाला मुस्लिम महिलाओं के लिए कितना अमानवीय है, लेकिन सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और AIMPLB के वकील कपिल सिब्बल ने तीन तलाक और हलाला की तुलना राम के अयोध्या में जन्म से कर डाली। कपिल सिब्बल ने दलील दी है जिस तरह से राम हिंदुओं के लिए आस्था का सवाल हैं उसी तरह तीन तलाक मुसलमानों की आस्था का मसला है। साफ है कि भगवान राम की तुलना, तीन तलाक और हलाला जैसी घटिया परंपराओं से करना कांग्रेस और उसके नेतृत्व की हिंदुओं की प्रति उनकी सोच को ही दर्शाता है। 2007 में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि चूंकि राम, सीता, हनुमान और वाल्मिकी वगैरह काल्पनिक किरदार हैं इसलिए रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है। राहुल गांधी ने एक बार कहा था कि जो लोग मंदिर जाते हैं वो लड़कियां छेड़ते हैं। यह बयान भी कांग्रेस और उसके शीर्ष नेतृत्व की हिंदू विरोधी सोच की निशानी थी।

कांग्रेस के हिंदू विरोध का एंटनी ने किया था खुलासा
2014 में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस के भीतर मंथन में यह बात निकलकर आई कि कांग्रेस की छवि हिंदू विरोध की है। वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने भी पहली बार स्वीकार किया था कि पार्टी को हिंदू विरोधी छवि के चलते नुकसान हुआ है। तब ये बात भी सामने आई थी कि हर मुद्दे पर कांग्रेस जिस तरह से तुष्टिकरण की लाइन लेती है, वो बात अब आम जनता भी महसूस करने लगी है। बहुसंख्यक हिंदू समझ चुके हैं कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों के लिए सोचती है। इसी के चलते बचे-खुचे हिंदू मतदाताओं ने भी कांग्रेस से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। सोनिया गांधी या राहुल गांधी ने फिर भी इस कड़वी सच्चाई से मुंह मोड़े रखा। परिणाम देश के सामने है, कांग्रेस का अस्तित्व मिटता जा रहा है।

विकीलीक्स के खुलासे में भी आई थी हिंदू विरोध की बात
17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल गांधी की जो बात सार्वजनिक हुई उसने देश के 100 करोड़ हिंदुओं के बारे में राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी की सोच को सबके सामने ला दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ”भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।” जाहिर तौर पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी हिंदुओं को कठघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं चूकती। अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है।

भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं यहाँ के हिंदुओं ने हमेशा से हर धर्म के लोगों को गले लगाया है । भले ही वो चाहे मुसलमान हो या ईसाई । दुनिया का इकलौता ऐसा देश जहां पर हर धर्म के लोग आज़ादी से  रह सकते हैं । ये यहाँ की बहुसंख्यक लोगों की उदारता है ,हिंदुओं ने किसी भी धर्म के पालन करने वालों के साथ कोई भेदभाव नहीं रखा । भारत के लोगों की इसी उदारता का फायदा अब विदेशी उठा रहे हैं ।
ईसाई धर्म के चर्च की हमेशा से कोशिश रही है की यहाँ के बहुसंख्यक समाज को किसी तरह से ईसाई धर्म में धर्म में बदल दिया जाए। हिंदुओं को किसी भी तरह से ईसाई बनाने की कोशिश में भारत में इटली की एजेंट सोनिया गांधी ने हर हाल में हिंदुओं के विरोध में काम करने की ठान रखी है।
विकिलीक्स ने खुलासा किया है की कॉंग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने हिंदुओं के एक विशाल संगठन बजरंग दल पर बैन लगाने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया था और सफल भी हो जाती, मगर पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार एम के 
नारायण के विरोध के चलते उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। और वैटिकन और तमाम ईसाई मिशनरी के साथ मिलकर सोनिया अपना ईसाई धर्म को फैलाने का एजेंडा पूरा नहीं कर पायी ।
कांग्रेस की परंपरा रही है हिंदू विरोध
कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारें भी हिंदू परंपरा और धर्म का उपहास उड़ाती रही हैं। आरोप तो यहां तक हैं कि ऐसे लोगों को इतिहास लिखने को दिया गया, जिन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर हिंदुओं को बदनाम किया। हिंदू कोड बिल लेकर आने वाली कांग्रेस ने हमेशा कॉमन सिविल कोड का विरोध किया और ट्रिपल तलाक के मसले को साजिश ठहराने की कोशिश की। 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार ने मुस्लिम आरक्षण विधेयक लाकर अपना असली चेहरा दिखा दिया था। यही नहीं जब पिछले साल मोदी सरकार ने असम में हिंदुओं और गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने का फैसला किया, तो कांग्रेस ने उसका विरोध किया। इसके साथ ही जबरिया धर्म-परिवर्तन के हर मामले में कांग्रेस गैर-हिंदुओं के साथ खड़ी रही, लेकिन जब कोई हिंदू बना तो उसे गलत करार देने में पल भर का भी समय नहीं लिया।

सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और बीएचयू में हिंदू शब्द पर कांग्रेस को एतराज
हिंदुओं के सबसे अहम मंदिरों में से एक सोमनाथ मंदिर को दोबारा बनाने का जवाहरलाल नेहरू ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी खजाने का पैसा मंदिरों पर खर्च नहीं होना चाहिए। ऐसे ही नेहरू को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदू शब्द पर आपत्ति थी। वे चाहते थे कि इसे हटा दिया जाए। इसके लिए उन्होंने महामना मदनमोहन मालवीय पर दबाव भी बनाया था। जबकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से दोनों को ही कोई एतराज नहीं था।

Image result for नेहरू ने वंदे मातरम का विरोध किया था
वंदेमातरम का भी विरोध करती रही है कांग्रेस
आजादी के बाद यह तय था कि वंदे मातरम राष्ट्रगान होगा, लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने इसका विरोध किया और कहा कि वंदे मातरम से मुसलमानों के दिल को ठेस पहुंचेगी। जबकि इससे पहले तक तमाम मुस्लिम नेता वंदे मातरम गाते थे। नेहरू ने ये रुख लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों को शह दे दी। जिसका नतीजा देश आज भी भुगत रहा है। आज तो स्थिति यह है कि वंदेमातरम को जगह-जगह अपमानित करने की कोशिश होती है। जहां भी इसका गायन होता है कट्टरपंथी मुसलमान बड़ी शान से बायकॉट करते हैं।

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

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भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा

रानी चटर्जी की बोल्ड तस्वीरों ने हिलाया इंटरनेट

भोजपुरी इंडस्ट्री में अपने अलग अदांज से धाक जमाने वाली रानी चटर्जी अब तक 300 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं. एक्ट्रेस की गिनती इंडस्ट्री की नामी एक्ट्रेस में होती है. उनकी हर अदा पर फैंस की नजर बनी रहती हैं. इस बीच वो अपनी लेटेस्ट फोटो के चलते चर्चा का विषय बन गई हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उनकी किसी हॉट फोटो ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई हो. बल्कि ऐसा हर बार देखने को मिलता है. वहीं इस बार भी एक्ट्रेस की नई तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है. साथ वो इस नई तस्वीर में बेहद हॉट और बोल्ड नजर आ रही हैं. फोटो में रानी काफी प्यारी दिख रही है. तस्वीरों में रानी का स्टाइलिश अंदाज भी उनके फॉलोअर्स का ध्यान उनकी ओर खींच रहा है. रानी चटर्जी सोशल मी़डिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी हॉट सेक्सी फोटो वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. वहीं उनके फैंस भी उनकी नई अपडेट पर नजर बनाए बैठे रहते हैं. अक्सर रानी के बोल्ड फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते नजर आते हैं. हाल ही में रानी के नए लुक ने इंटरनेट को हिला दिया है. इस फोटो में रानी लाल रंग की ड्रेस में नजर आ रही हैं. इस ड्रेस में रानी अपने सेक्सी